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यूपी पंचायत चुनाव:नई आरक्षण लिस्ट के लिए आज जारी होगा नोटिफिकेशन

यूपी पंचायत चुनाव:नई आरक्षण लिस्ट के लिए आज जारी होगा नोटिफिकेशन

लखनऊ।  यूपी पंचायत चुनाव के लिए हाईकोर्ट के आदेश के बाद बुधवार को पंचायतीराज विभाग आरक्षण के निए शासनादेश जारी करेगा। अब 2015 को मूल वर्ष मानकर आरक्षण किया जाएगा।  पंचायतीराज विभाग सभी जिलाधिकारियों को आरक्षण तय करने का शेड्यूल भेजेगा। 

इसमें पंचायतों की सीटों के आरक्षण को तय करते हुए उनके आवंटन की अनंतिम सूची के प्रकाशन, उस पर दावे और आपत्तियां आमंत्रित करने और उनका निस्तारण करने के बाद अंतिम सूची के प्रकाशन की समय सारिणी भी होगी। हाईकोर्ट ने यह पूरी प्रक्रिया 27 मार्च तक पूरी करने को कहा है।


 कैबिनेट में प्रस्ताव को मिल चुकी है मंजूरी :


मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में यह भी निर्णय लिया गया कि हाईकोर्ट द्वारा तय की गई समय सीमा के अनुसार 25 मई तक ही राज्य में पंचायत चुनाव की प्रक्रिया पूरी करवाई जाएगी। मंगलवार को हुई कैबिनेट बैठक में प्रस्ताव को मंजूरी दी गई। बता दें कि प्रदेश सरकार ने इस साल 10 फरवरी को कैबिनेट बाई सर्कुलेशन के जरिये पंचायतीराज अधिनियम में 2015 में तत्कालीन सपा सरकार द्वारा किए गए 10वें संशोधन को खत्म करते हुए 11वां संशोधन किया था और 11 फरवरी को इस बाबत पंचायतीराज विभाग ने नया शासनादेश जारी किया था।इस संशोधन के जरिए वर्ष 1995 को आधार वर्ष मानकर पंचायतों की सीटों का आरक्षण तय किया गया था। सपा सरकार ने उस संशोधन के जरिये ग्राम प्रधान व ग्राम पंचायत सदस्यों की सीटों का आरक्षण शून्य करते हुए नए सिरे से इन सीटों का आरक्षण तय किया था। मंगलवार को प्रदेश सरकार ने 10 फरवरी को पंचायतीराज अधिनियम में किये गये 11वें संशोधन को वापस लेते हुए 12वां संशोधन किया, जिसके तहत सपा सरकार में किए गए 10वें संशोधन को फिर से बहाल किया गया। 


अब इस बार के पंचायत चुनाव के लिए पंचायतों के सभी पदों का नए सिरे से आरक्षण तय होगा। चक्रानुक्रम के अनुसार ग्राम प्रधान और ग्राम पंचायत के पदों  के लिए 2015 में तय किए गए आरक्षण के आगे के क्रम में आरक्षण तय होगा क्योंकि 2015 में इन दोनों पदों का आरक्षण शून्य करते हुए नए सिरे से आरक्षण तय किया गया था। क्षेत्र पंचायत व जिला पंचायत सदस्यों, ब्लाक प्रमुखों व जिला पंचायत अध्यक्षों का आरक्षण 2015 में 2010 के चक्रानुकम से आगे बढ़ा था, अब 2015 में इन पदों का आरक्षण जहां पर छूटा था वहां से आगे बढ़ जाएगा।

ब्यूरो रिपोर्ट आजतक24न्यूज़

एचसी के आरक्षण आदेश से दावेदारों की बढ़ी बेचैनी

एचसी के आरक्षण आदेश से दावेदारों की बढ़ी बेचैनी

फर्रुखाबाद। पहले पंचायत चुनाव के आरक्षण पर एचसी की रोंक और उसके बाद अब आरक्षण में बदलाव के आदेश से दावेदारों का गणित बिगड़ गया है।  चुनाव प्रचार में दिन रात एक करनें वाले दावेदार आरक्षण के इंतजार में घर बैठ गये है। त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव को लेकर आरक्षण की अंतरिम सूची ने तमाम लोगों के सपने चकनाचूर कर दिए थे। अब हाईकोर्ट द्वारा आरक्षण की अंतिम सूची के प्रकाशन से पूर्व आरक्षण में बदलाव से दावेदारों की उम्मीद जाग गई है। आपत्ति दर्ज कराने वालों को उम्मीद है कि कुछ बदलाव जरूर होगा।

इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ पीठ ने पंचायत चुनाव में 2021 के आरक्षण फॉर्मूले को खारिज करते हुए 2015 के चक्रानुक्रम के आधार पर नए सिरे से सीटों के आवंटन व आरक्षण का आदेश दिया है। हाईकोर्ट ने साफ  किया है कि प्रदेश में पंचायत चुनाव के लिए जारी की गई नई आरक्षण प्रणाली नहीं चलेगी बल्कि 2015 को आधार मानकर ही आरक्षण सूची जारी की जाए।

कोर्ट के इस फैसले से पंचायत चुनाव की तैयारी में जुटे दावेदारों के सपनों को शासन द्वारा निर्धारित आरक्षण प्रक्रिया ने ध्वस्त कर दिया था। निराश हुए दावेदारों को आपत्ति के रूप में पतवार मिली और पतवार नें कोर्ट के फैसले को आते ही नौका का रूप ले लिया। दरअसल शासन नें जो आरक्षण प्रक्रिया जारी की थी उससे बड़े-बड़े राजनैतिक सूरमाओं की कमर तोड़ दी। इसके साथ ही अधिकतर जगह वह चेहरे उभर कर सामने आ गये जिनकी चुनाव लड़ने की चर्चा पीछे वर्षों में कभी  नही हुई या उन्होंने कभी गाँव की राजनीति से सरोकार नही रखा। जो शासन के द्वारा जारी आरक्षण में फीट बैठा उसके होर्डिंग, पोस्टर बाल पेंटिंग कराकर क्षेत्र को पाट दिया। लोग के सुख-दुख में इन चंद दिनों के अग्रिम पंती में खड़े दिखायी दिये। लेकिन आरक्षण में बदलाव की खबर नें उन दावेदारों को  करार झटका दिया जो चुनाव प्रचार की नाव को तेजी से तैरा रहे थे। या यूँ कहिए की दावेदार अचानक संस्कारी हो गये थे।

दावेदारों ने अब तक खर्च किया लाखो रूपये!

दरअसल चुनाव मैदान में कूदे दावेदार अपने मतदाताओं को रिझानें के लिए पार्टी कराकर पैसा पानी की तरह बहानें में लगे थे । शराब, मुर्गा,चिकन की पार्टी आये दिन गांवों में चल रही थी। लोगों की शादी, तेरबी, जन्मदिन, गृहप्रवेश, शव, शुभ यात्रा में भी जाने पर भी खूब खर्चा किया गय। कई दावेदार तो व्याज पर पैसे लेकर चुनाव मैदान में कूदे थे। लाखों रूपये खर्च के बाद आये कोर्ट के फैसलें नें उनकी उम्मीद तोड़ दी।अब 27 मार्च को नये आरक्षण का इंतजार शुरू हो गया है।

ब्यूरो रिपोर्ट बसारत की रिपोर्ट

डा. सुबोध यादव बोले बाबा चिल्लम्ची है 2022 में ताबूत में लग जाएगी कील

डा. सुबोध यादव बोले बाबा चिल्लम्ची है 2022 में ताबूत में लग जाएगी कील

मेरापुर फर्रुखाबाद।  डॉ.सुबोध कुमार यादव ने नुक्कड़ सभा को संबोधित करते हुए कहा कि बाबा चिल्लम्ची है।

सोमवार दोपहर को मेरापुर थाना क्षेत्र के ग्राम खलवारा निवासी  डॉ रत्नेश यादव की चौपाल पर जिला पंचायत सदस्य के भावी प्रत्याशी डॉ.सुबोध कुमार यादव की अध्यक्षता में नुक्कड़ सभा का आयोजन किया गया।

समर्थकों ने सुबोध यादव का फूल मालाओं से जोरदार स्वागत  किया।वहीं डा.ने भी बुजुर्गों का जोरदार स्वागत किया। क्यों पड़े हो चक्कर में कोई नहीं है टक्कर में,सुबोध भैया जिंदाबाद जिंदाबाद आदि समर्थकों व्दारा नारे लगाये गये। नुक्कड़ सभा का संचालन यादव सभा के जिला अध्यक्ष डॉ हरिओम यादव ने किया। नबावगंज वार्ड नम्बर तीन से डा. सुबोध यादव जिला पंचायत पद के भावी प्रत्याशी हैं। डॉक्टर सुबोध यादव ने अपने संबोधन में युवाओं को धन्यवाद देते हुए कहा की आप लोगों को एक आश्वासन देना चाहता हूं 325 एमएलओं की सरकार बनी इस प्रदेश में और बाबा और बाबा मुख्यमंत्री बन गया बाबा का काम शासन चलाना नहीं होता है बाबा का काम पूजा पाठ करना भजन कीर्तन करना उपदेश देना लेकिन वह बाबा नहीं है चिल्लम्ची है। 
दोनों सत्तों पर बीजेपी की सरकार थी तब भी मैं जिला पंचायत अध्यक्ष बना अब तो सरकार चली ही गई है अब तो 4 छः महीने ही रह गए हैं युवाओं में जोश भरना है युवाओं में वू भरना है। इन रणुओं भणुओं  से मुक्ति मिल जाएगी। कोई यादव थाने पहुंच जाए तो थानेदारों व पुलिस वालों को लगता है कि एटीएम आ गया है मुर्गा आ गया है काट लो लेकिन और जिलों की तुलना में आप अलीगंज, हरदोई ,शाहजहांपुर,मैनपुरी की तुलना कर लो जितने फर्जी मुकदमे लगा कर यादव जेल भेजे गए हैं उतने हमने यहां नहीं जाने दिए मैं लगातार संघर्ष करता रहा लगातार अधिकारियों डीएम एस पी से लड़ाई लड़ता रहा मैंने 5000 लोग जेल जाने से बचाए और इनमें सारे यादव और मुसलमान थे भाजपा सरकार यह सोचती है कि यादव और मुसलमान मरने पर रहता है यह लोग पृथ्वी के निवासी नहीं है यह यहां के हैं ही नहीं। इन परिस्थिति से बचने के लिए और विधानसभा का चुनाव आने वाला है हो सकता है कि भारतीय जनता पार्टी एमएलसी का चुनाव पहले करा ले उन चुनावों में अपने युवा साथियों का मनोबल बढ़ाने के लिए युवाओं के अंदर जोश पैदा करना है जिस दिन आप जिला पंचायत अध्यक्ष बन कर आएंगे उसी दिन बाबा के ताबूत में कील लग जाएगी। 
इस दौरान नुक्कड़ सभा के संचालन करता यादव महासभा के जिला अध्यक्ष डॉ हरिओम यादव, डॉ रत्नेश यादव, पूर्व प्रधान उपेंद्र सिंह यादव, पूर्व प्रधान रक्षपाल सिंह यादव, कोटेदार मुकेश कुमार, विजय सिंह यादव आदि सैकड़ों सुबोध के समर्थक नुक्कड़ सभा में मौजूद रहे।

ब्यूरो रिपोर्ट सोनू राजपूत की रिपोर्ट

यूपी पंचायत चुनाव पर हाईकोर्ट का बड़ा फैसला, 2015 को बेस मानकर लागू होगा आरक्षण

यूपी पंचायत चुनाव पर हाईकोर्ट का बड़ा फैसला, 2015 को बेस मानकर लागू होगा आरक्षण

लखनऊ। यूपी पंचायत चुनावों में सीटों पर आरक्षण व्यवस्था को लेकर हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने अपना फैसला सुना दिया है। हाईकोर्ट ने कहा कि  वर्ष 2015 को मूल वर्ष मानते हुए सीटों पर आरक्षण लागू किया जाए। इसके पूर्व राज्य सरकार ने स्वयं कहा कि वह वर्ष 2015 को मूल वर्ष मानते हुए आरक्षण व्यवस्था लागू करने के लिए तैयार है। इस पर न्यायमूर्ति रितुराज अवस्थी व न्यायमूर्ति मनीष माथुर की खंडपीठ ने 25 मई तक त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव संपन्न कराने के आदेश पारित किए हैं।

आपको बता दें कि हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच में 11 फरवरी 2021 के शासनादेश को चुनौती दी गई थी। याचिका में कहा गया है कि पंचायत चुनाव में आरक्षण लागू किये जाने सम्बंधी नियमावली के नियम 4 के तहत जिला पंचायत, सेत्र पंचायत व ग्राम पंचायत की सीटों पर आरक्षण लागू किया जाता है। कहा गया कि आरक्षण लागू किये जाने के सम्बंध में वर्ष 1995 को मूल वर्ष मानते हुए 1995, 2000, 2005 व 2010 के चुनाव सम्पन्न कराए गए। । याचिका में आगे कहा गया कि 16 सितम्बर 2015 को एक शासनादेश जारी करते हुए वर्ष 1995 के बजाय वर्ष 2015 को मूल वर्ष मानते हुए आरक्षण लागू किये जाने को कहा गया। उक्त शासनादेश में ही कहा गया कि वर्ष 2001 व 2011 के जनगणना के अनुसार अब बड़ी मात्रा में डेमोग्राफिक बदलाव हो चुका है लिहाजा वर्ष 1995 को मूल वर्ष मानकर आरक्षण लागू किय अजाना उचित नहीं होगा। कहा गया कि 16 सितम्बर 2015 के उक्त शासनादेश को नजरंदाज करते हुए, 11 फरवरी 2021 का शासनादेश लागू कर दिया गया। जिसमें वर्ष 1995 को ही मूल वर्ष माना गया है। यह भी कहा गया कि वर्ष 2015 के पंचायत चुनाव भी 16 सितम्बर 2015 के शासनादेश के ही अनुसार सम्पन्न हुए थे।

ब्यूरो रिपोर्ट आज तक 24 न्यूज़
बकेवर हाइवे पर अखिलेश यादव को पहनाया 22 किलो का पुष्पहार..अनिल दोहरे

बकेवर हाइवे पर अखिलेश यादव को पहनाया 22 किलो का पुष्पहार..अनिल दोहरे

बकेवर इटावा । आज समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव का बकेवर हाइवे पर अनिल दोहरे एवं उनके साथियों ने जोरदार स्वागत किया ।

अनिल दोहरे ने मिशन 2022 को मध्यनजर रखते हुए सपा सुप्रीमो को 22 किलो का पुष्पहार   पहनाया। अनिल दोहरे ने कहा कि आगामी 2022 के विधानसभा सभा चुनाव में समाजवादी पार्टी की सरकार बहुमत से बनेगी। हमारे नेता जी प्रदेश की जनता के सुख दुख के साथी हैं इसलिए नेता जी उनके दिलों पर राज करते हैं। 

अखिलेश यादव ने कहा कि प्रदेश की जनता वर्तमान सरकार की नीतियों से तंग आ चुकी है और 2022 के चुनाव में इसका करारा जवाब देगी।
स्वागत के दौरान अनिल दोहरे , रामकृष्ण राजपूत, बंटू बाजपेयी,सत्येंद्र दोहरे, पंकज यादव, सोनू यादव,सौरभ दोहरे,चंद्र मोहन यादव, जयवीर प्रधान,अंकित दोहरे,हर्षित दोहरे, बंटी,पिंटू दोहरे, आदि लोग मौजूद रहे।


ब्यूरो रिपोर्ट अनिता कुमारी की रिपोर्ट

कमालगंज विकास खण्ड क्षेत्र के आरक्षण नें निवर्तमान प्रधानों और दावेदारों का जायका किया खराब

कमालगंज विकास खण्ड क्षेत्र के आरक्षण नें निवर्तमान प्रधानों और दावेदारों का जायका किया खराब

कमालगंज फर्रुखाबाद।  कमालगंज विकास खण्ड क्षेत्र के आरक्षण नें निवर्तमान प्रधानों और दावेदारों का जायका खराब कर दिया। जिसके चलते अब दावेदार आरक्षण सूची में अपना मतलब का आरक्षण ना आने पर एक दूसरे को कोस रहें है।

 पढ़े प्रधान पद के लिए आरक्षण की पूरी सूची-

अनुसूचित जाति का आरक्षण

महरूपुर रावी, कंधरापुर, बझेरा मालिक पट्टी, पैगुपुर, हब्बापुर, लक्ष्मण नगला, हिसामपुर अनुसूचित जाति महिला व देवरान गढिया, उस्मानगंज, नगरिया देवधरपुर, कुम्हौली, महमदपुर अचला, ताजपुर, जहानगंज, रूनी चुरसई, उगरपुर सुल्तान पट्टी, शरफुद्दीनपुर, कुंदन गणेशपुर, निनौला श्रंखलापुर, सिंघीपुर को अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित किया गया है।

पिछड़ा वर्ग के लिए आरक्षित


चौकी महमदपुर, मोहनपुर दीनारपुर, गदनपुर तुर्रा, सितौली, महोई, रानू खेड़ा, राजेपुर टप्पामंडल, बहोरनपुर टप्पा हबेली, करमचंदपुर, कैटहा, गदनपुर देवराजपुर, बिचपुरी, राठौर मोहीदिनपुर, मूसाखिरिया, ईशापुर, जरारी, भड़ौसा, नगला भीका, नगला दाऊद, नियामतपुर ठाकुरान को पिछड़ा वर्ग व राजेपुर सरायमेदा, हैदरपुर, दुर्गपुर, झिझुकी, गंगाइच, सियापुर, आलूपुर, पुरनपुर, भरतामऊ, चौसपुर को महिला पिछड़ावर्ग के लिए आरक्षित किया है।

महिलाओं के लिए आरक्षण


खुदागंज, चंदनपुर, मॉडल शंकरपुर, टाडा बहरारामपुर, शेरपुर सराय, दानमंडी, करीमगंज, डूगरपुर, मकरंदनगर बसाहा, महमदपुर अमलैया, महरूपुर बिजल, कतारौली पट्टी, नगरिया गहलबारान, राठौर नगला नीब, बंदरखेड़ा, अभयपुर, रायपुर, सदियापुर, गगनी, बहोरा,  छीतापुर कपूरापुर, चुनूरपुर गड़िया को महिलाओं के लिए आरक्षित किया गया है

 ब्यूरो रिपोर्ट बशारत की रिपोर्ट

मोहम्मदाबाद ब्लाक के 89 ग्राम पंचायतों का प्रधान पद का आरक्षण

मोहम्मदाबाद ब्लाक के 89 ग्राम पंचायतों का प्रधान पद का आरक्षण

मोहम्मदाबाद फर्रुखाबाद । मोहम्मदाबाद ब्लाक के 89 ग्राम पंचायतों का प्रधान पद का आरक्षण ।

 



 अनारक्षित -34

अछ रौड़ा,  बरखिरिया,बीघामऊ,भरतपुर रसूलपुर, भटकुररी,  दाउदपुर मजरा नंद सा ,दाउदपुर नगला बाग, गणपतपुर बढनपुर ,गोसरपुर ,हरसिंहपुर साही,जाजपुर गोवा,खिरिया मुकुंद,कुबेरपुर जुन्नारदार,मानिकपुर दहेलिया,मौधा,मेरापुर , मुड़ गांव, नदौरा, नगला सुदन, नगला बाग रिठौरा, नीमकरोरी,पखना,  निशाई,पट्टी खुर्द,फगुना अतनपुर,रैसेपुर,राजाराम पुर मेई,सकवाई ,संकिसा बसन्तपुर, श्योगनपुर सिगंतुइया,सिंरोली,सितवनपुर पिसू ,सुल्तानपुर।


सामान्य महिला 16


खिमसेपुर,कन्हयू याकूबपुर,कुबेरपुर डूंगरी , हमीर खेड़ा ,अलावलपुर ,सिकंदरपुर बिहार ,देवसनी ,करथिया पुनपालपुर, नगला नारायन, कुरेली ,जल्लापुर, दहेलियां जाजपुर बंजारा ,सिकंदरपुर नगला विनायक।


अन्य पिछड़ा वर्ग 16


जैतपुर ,करनपुर मजरा ज्योता, करनपुर मजरा बांसमई ,मुरान लखरौआ, सिनौडा पृथ्वी, बरारिख, दुल्ला मई ,अर्जुनपुर ज्योता, कान्हैपुर सिठऊपुर कुर्मी गैसिंगपुर ,उगरपुर ,धीरपुर बराकेशव।


अन्य पिछड़ा वर्ग महिला 9


कटिन्ना मानिकपुर ,हमीरपुर, बाकरपुर ,हुसैनपुर दरिया मसमुले, टिमरूआ,उखरा ,पुंठरी, गुरऊ शादी नगर,वीसलपुर वागर।


अनुसूचित जाति 9


तेरा, सिठौली ,बनकटी ,नंद सा मदनपुर ,हरकमपुर ,पिपर गांव रूपनगर ,पमरखिरिया।


अनुसूचित जाति महिला 5

उनासी,सितवनपुर पिथू , पसनिगपुर ,शेखपुर खजुरी ,सिठऊपुर।

 ब्यूरो रिपोर्ट सोनू राजपूत की रिपोर्ट

जिला पंचायत सदस्यों की आरक्षण सूची जारी

जिला पंचायत सदस्यों की आरक्षण सूची जारी

फर्रुखाबाद । काफी लम्बे इंतजार के बाद आखिर जिला पंचायत सदस्यों की आरक्षण सूची जारी कर दी गयी। जिसमे कई दावेदारों का खेल बिगड़ गया तो कई की उड़कर लग गयी है। पढ़े पूरा आरक्षण-



फर्रुखाबाद में राजेपुर प्रथम अनारक्षित, राजेपुर द्वितीय अन्य पिछड़ा वर्ग महिला, राजेपुर तृतीय अन्य पिछड़ा वर्ग, राजेपुर चतुर्थ अनारक्षित, शमसाबाद प्रथम अनारक्षित, शमसाबाद द्वितीय अनारक्षित, शमसाबाद तृतीय एससी  महिला, शमसाबाद चतुर्थ एससी,  कायमगंज प्रथम अन्य पिछड़ा वर्ग, कायमगंज द्वितीय महिला, कायमगंज तृतीय अनारक्षित, कायमगंज चतुर्थ एससी, कायमगंज पंचम 

अनारक्षित, नवाबगंज प्रथम महिला, नवाबगंज द्वितीय अन्य पिछड़ा वर्ग,  नवाबगंज तृतीय अनारक्षित, मोहम्मदाबाद प्रथम अन्य पिछड़ा वर्ग, मो० द्वितीय अनुसूचित जाति महिला, मो० तृतीय सामान्य, मो० चतुर्थ अनुसूचित जाति, मो० पंचम सामान्य, कमालगंज प्रथम सामन्य महिला, कमालगंज द्वितीय सामन्य, कमालगंज तृतीय अन्य पिछड़ा वर्ग, कमालगंज चतुर्थ सामान्य महिला, कमालगंज पंचम सामान्य, कमालगंज षष्ठम अन्य पिछड़ा वर्ग महिला, बढपुर प्रथम सामान्य, द्वितीय अन्य पिछड़ा वर्ग महिला, बढ़पुर तृतीय सामान्य महिला का आरक्षण तय किया गया है।

ब्यूरो रिपोर्ट सोनू राजपूत की रिपोर्ट

मो 8865007133

पंचायत चुनाव: इलाहाबाद हाईकोर्ट का निर्देश, 15 मई तक करायें ब्लाक प्रमुख व जिला पंचायत का चुनाव

पंचायत चुनाव: इलाहाबाद हाईकोर्ट का निर्देश, 15 मई तक करायें ब्लाक प्रमुख व जिला पंचायत का चुनाव

प्रयागराज। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने चुनाव आयोग और सरकार को निर्देश दिया है कि 30 अप्रैल तक प्रधानों के चुनाव,15 मई तक जिला पंचायत अध्यक्ष व ब्लॉक प्रमुख के चुनाव कराए जायें। यह आदेश विजय उपाध्याय की याचिका पर हाईकोर्ट ने दिया है।


यूपी में इस बार 75 जिला पंचायत, 826 क्षेत्र पंचायत (ब्लॉक), 58,194 ग्राम पंचायत, 3051 जिला पंचायत सदस्य, 75,855 क्षेत्र पंचायत सदस्य और 7,31,813 ग्राम पंचायत सदस्य चुने जाएंगे। इस तरह कुल 8,69,814 जनप्रतिनिधि चुने जाएंगे। अपर मुख्य सचिव पंचायतीराज मनोज कुमार सिंह ने बताया कि प्रदेश में नगरीय निकायों के सीमा विस्तार या नए निकायों के गठन से ग्राम पंचायतों की संख्या में कमी आई है।

बताते चलें कि प्रदेश में ग्राम, क्षेत्र व जिला पंचायतों के निर्वाचन क्षेत्रों के परिसीमन का काम काफी दिनों से चल रहा था। पूर्ण परिसीमन चार जिलों गौतमबुद्धनगर, मुरादाबाद, संभल व गोंडा में हुआ है। इनमें वर्ष 2015 में परिसीमन नहीं हो पाया था। जबकि जिन जिलों में नए नगरीय निकायों का गठन हुआ है या नगरीय निकायों का सीमा विस्तार हुआ है, उनमें आंशिक परिसीमन कराया गया है।

ग्राम पंचायत सदस्य, ग्राम प्रधान, क्षेत्र पंचायत सदस्य, क्षेत्र पंचायत व जिला पंचायतों के निर्वाचन क्षेत्र (वार्डों) के परिसीमन (पुनर्गठन) का काम पूरा करके अधिसूचना जारी कर दी गई है।

ब्यूरो रिपोर्ट सोनू राजपूत की रिपोर्ट

यूपी पंचायत चुनाव : हाईकोर्ट का मई में पंचायत चुनाव कराने से इनकार

यूपी पंचायत चुनाव : हाईकोर्ट का मई में पंचायत चुनाव कराने से इनकार

प्रयागराज। त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव को लेकर यूपी सरकार को झटका लगा है। उच्च न्यायालय इलाहाबाद की खण्डपीठ ने सरकार के मई में पंचायत चुनाव कराने के प्रथम प्रस्ताव को खारिज कर दिया है।

 न्यायालय ने कहा है कि नियमानुसार 13 जनवरी 21 तक हो जाने चाहिए थे पंचायत चुनाव।प्रदेश सरकार की हीलाहवाली से पंचायत चुनाव जल्द होते नहीं दिखाई दे रहे हैं। अब तक सरकार आरक्षण तय नहीं कर सकी है, जिससे भावी उम्मीदवारों की तलवारें म्यान में हैं। उच्च न्यायालय में चुनाव आयोग ने कोविड के चलते परिसीमन में हुई देरी का हवाला दिया। आयोग के अनुसार 28 जनवरी तक परिसीमन किया गया। आयोग का यह भी कहना है कि सीटों का आरक्षण सरकार की तरफ से किया जाना है जिससे चुनाव की अब तक तारीखों का कार्यक्रम नहीं जारी किया जा सका है। सीटों का आरक्षण पूरा होने के बाद चुनाव में 45 दिनों का समय लगेगा। न्यायालय में राज्य सरकार की तरफ से चुनाव कराने के लिए समय मांगा है। उच्च न्यायालय ने मई में चुनाव कराने के प्रथम प्रस्ताव को खारिज कर दिया है। कोर्ट ने याचिका को पुन: 4 फरवरी यानी आज दोपहर दो बजे पेश करने का आदेश दिया है। जस्टिस एमएन भंडारी और जस्टिस आरआर अग्रवाल की खंडपीठ मामले की सुनवाई कर रही है।चुनाव आयोग द्वारा पेश शेड्यूल से मई में पंचायत चुनाव होने की संभावना है। क्योंकि अब तक सरकार आरक्षित सीटों की घोषणा ही नहीं कर सकी है। जिसके चलते अप्रैल के प्रथम सप्ताह से पहले अधिसूचना जारी होने की कतई सम्भावना नहीं है।


ब्यूरो रिपोर्ट सोनू राजपूत की रिपोर्ट